ब्रझी: पहले मन में धनवान बनें फिर जीवन में
अगर आपके पास पैसे नहीं हैं, पर आप पैसे चाहते हैं, तो यह करें। बस ब्रझी का मंत्र पढ़ते रहें और अपने आप को ध्यान से सुनें। अब शायद आप कहेंगे कि आपको प्रमाण चाहिए तो लीजिए प्रमाण। यूट्यूब फेसबुक पर जाकर लोगों की पोस्ट को देखें जो इस ध्वनि के बारे में बात कर रहें हैं। जिन्होंने कुछ मिनटों ,घंटों ,दिनों के अंतराल में फल प्राप्त किए हैं।
आपको अपना तन, मन और आत्मा तीनो को ही इस नाम-स्मरण में लीन करना है और सबसे महत्वपूर्ण बात, इस प्रक्रिया को मन में संदेह रख कर न करें।
श्रद्धा का महत्व
श्रद्धा या विश्वास बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। श्रद्धा नहीं तो कुछ भी नहीं। अगर आपके पास विश्वास है तो आप चट्टान भी हिला सकते हैं। आप सच में ऐसा कर सकते हैं, बस यह न कहें कि आपको अपने ऊपर विश्वास नहीं है।
अगर आप कहते हैं कि आपके अंदर श्रद्धा नहीं है, तब ऐसा बोलकर ही श्रद्धा लुप्त कर देते हैं। और ऐलान करते हैं कि आप कुछ भी पाने के लिए तत्पर नहीं हैं। इसका यह मतलब है कि आपने कष्ट झेलने का विकल्प चुन लिया है। अगर आप आज पैसे नहीं कमा पाए, तो इसका तात्पर्य है कि आपने यह अपने लिए खुद चुना। प्रतिदिन जब आप सोकर उठते हैं, आपकी आत्मा कहते रहती है “मैंने यह चुना है कि आज मुझे पैसे नहीं कमाने, मैंने यह चुना है कि मैं आज बहुत ही उलझन में हूं।”
ऐसी कोई घटना नहीं होती जिसे दुर्घटना कहा जाए। दुर्घटना कुछ नहीं होती , यह सब कहीं न कहीं आपके विचारों की उपज है। आपको अपनी चेतना में सुधार करना होगा, विचारों को बदलना होगा, हम जो सोचते हैं वही होता है। सोच के आधार पर ही कर्म विकसित होते हैं और कर्मों के आधार पर ही जीवन में घटनाएं घटित होती है, इसलिए किसी भी घटना को दुर्घटना नहीं कहा जा सकता।
तमिलनाडु, जहां से मैं हूँ, वहां एक संत थे जो २००० वर्ष पहले वहाँ रहते थे। इतने वर्षों पहले तमिल देश बहुत पिछड़ा हुआ और गरीब था। आज भी है पर उतना नहीं जितना २००० वर्ष पहले था। वह लोगों से पूछते “तुम क्यों इतना कष्ट झेल रहे हो? तुम्हारे पास पैसे क्यों नहीं हैं? वह कहते “इलार पलर आगिया कारनम” ‘इलार’ का तमिल में अर्थ होता है, वह ‘जिनके पास नहीं है’ या अंग्रेजी में ‘हैव नॉट्स’ और ‘पलर’ का अर्थ होता है ‘बहुत’।
अर्थात जिनके पास नहीं हैं, उनकी संख्या बहुत ज़्यादा है। इस दुनिया में जिनके पास पैसे नहीं है, उन लोगों की संख्या ज़्यादा है, ऐसा क्यों? “इलार पलर आगिया कारनम”, इस सत्य से भरे कथन का कारण है “नोटपार सिलर नोलाधार पलर”- ध्यान करने वालों की संख्या कम है।
ध्यान का महत्व
इसी कारणवश आपको ध्यान या मेडिटेशन करने की ज़रूरत है। और कैसे? श्रीम ब्रझी
श्रीम ब्रझी बस इस ध्वनि को और लक्ष्मी देवी के छायाचित्र को अपने साथ रखें। जब आप ऐसा करेंगे तो, आप इसकी ऊर्जा को महसूस कर पाएंगे। यह रूप स्वयं अगस्त्य ने प्रकट किया, बस इसे अपने पास रखें इस पर १००% विश्वास करें। दिमाग या मस्तिष्क कभी कभी नकारात्मक हो जाता है, क्या दिमाग 1 लाख रुपये या १८०० डॉलर के बारे में सोच सकता है। मैं आपसे रुपयों में सोचने की बात कर रहा हूँ क्योंकि भारत में शायद डॉलर में सोचना मुमकिन न हो।
ऐसा हो ही नहीं सकता कि मैं इतने पैसे कमा पाऊं, उदाहरण के तौर पर अमेरिका में भी १००००० डॉलर बनाना काफी लोगों को नामुमकिन प्रतीत होता होगा। ऐसा क्यों? ऐसा दिमाग के ब्लॉक होने के कारण होता है। जहाँ आपका दिमाग ऐसे विचार खुद ही ब्लॉक कर देता है जो उसे मुमकिन नहीं लगते। पर ऐसा नहीं है, सब कुछ मुमकिन है। एक इंसान को लगता है कि ऐसा हो ही नहीं सकता, पर वहीँ एक अरबपति के लिए १००००० डॉलर कुछ भी नहीं है।
तो आइए ध्यान कीजिए, श्रीम ब्रझी का जप करें, मानसिकता और मस्तिष्क को सकारात्मक करें, विचारों को दुर्घटना में बदलने से रोकें, समृद्धता का आह्वान करें, कर्मों में सुधार करें, मंत्रोच्चार करें।
श्रीम ब्रझी! श्रीम ब्रझी! श्रीम ब्रझी!
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